क्वाँर , कैलाली । रानाथारु समुदाय में बडों त्यौहार बिजया दशमीको खास महत्व हए । दशमीको सुरुको दिन घटस्थापना से रानाथारु समुदायमे घरै दिउता आनके दिन के रुप मे मानो जात हए ।
घटस्थापनाके दिनसे अठबारो भितर सबै रानाथारु के घर दिउतामे मट्टी लगाई जातहए । रानाथारु संस्कृती अनुसार चौमासभर दिउता घर छोडके फिरन जाएकर्त हएँ और दशमीको पहिलो दिन घटस्थापना के दिनसे फिर घरै आनके सुरु होत हैं । घर के एक कोहनेम् दिउता बैठन बारो ठियाँ होत हए । बहए ठियाँ मे दिउताके ताँही दिया पजारके कोहि सुम्मार कोहि बिस्पतके अपन अपन दिउताके स्वागत करन चलन हए ।
रानाथारु समुदाय मे दशमी मनानको खुबै महत्व हए । अन्य समुदाय से कुछ अगल तरिका से दशमी मनो जात हए । कोहि ठियाँ नाचगान करके, पुजाआजा करगे मनाओ जात हए ।
पश्चिम तराईके भुमिपुत्र रानाथारु समुदायमे एसे तमान त्यौहार हैं जिनको खास महत्व है ।